"नहि बाँचल अधिकार"
जे प्रेम स सिंचित करैथ घर द्वार परिवार
मात्र एकदिन बान्हि क कियैक ख़ुशी संसार
1908 में शोषण विरुद्ध क्रांति चलल जाहि आस
सड़क पर उतरल छली की मांग भेलैन्ह स्वीकार
झुनझुना त भेंट गेलैन्ह नहि सम्मानक भास
अधिकार के ओट में नहि बाँचल अधिकार
समानताक मांग करब, नहि राखु कोनो आस
आरक्षण अधिकार नहि आत्मबल स्वराज
जाबैत अबला शब्द रहत नहि स्थिति में बदलाव
शब्द कोष स शब्द के आय करू वहिष्कार
जे प्रेम स सिंचित करैथ घर द्वार परिवार
मात्र एकदिन बान्हि क कियैक ख़ुशी संसार
1908 में शोषण विरुद्ध क्रांति चलल जाहि आस
सड़क पर उतरल छली की मांग भेलैन्ह स्वीकार
झुनझुना त भेंट गेलैन्ह नहि सम्मानक भास
अधिकार के ओट में नहि बाँचल अधिकार
समानताक मांग करब, नहि राखु कोनो आस
आरक्षण अधिकार नहि आत्मबल स्वराज
जाबैत अबला शब्द रहत नहि स्थिति में बदलाव
शब्द कोष स शब्द के आय करू वहिष्कार
© कुसुम ठाकुर
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