Thursday, April 30, 2020

भेला किया विदेह

"भेला किया विदेह"

कोन परदेस पिया मोर गेला, कोना क बिसरब नेह
नहि आयल सन्देश कोना छथि भेला किया विदेह

तकैत रहैत छी बाट अखैन्ह धरि आस नहि धूमिल भेल
नहि कनिको आभास भेल छल नहि कोनो संदेह

क्षण भंगुर स्वप्न होइत छैक प्रीत सदैव सजीव
सिक्त भेल मोन डूबि रहल अछि खोजि रहल सिनेह

चिहुंकि उठल छी, नींद उड़ल अछि, कही केकरा ई क्लेश
मंद मंद मुस्कान ठोढ पर झलकैत छलैथ सदेह

भोरे स कोयल कुहुकि रहल अछि, कौआ कुचरय अनेर
कुसुम कामना नहि किछु बाँचल करि गेला ओ अगेह

© कुसुम ठाकुर





No comments:

Post a Comment

हे चन्दा आय बिसरल किया बेर"

  (आजु हमर पोता दर्श के जन्मदिन छैन्ह .......हुनका चन्दा मामा वाला गीत सब बड़ पसिंद पडैत छैन्ह ................कतबो कानैत  रहैत छथि गाना सुन...